हम सभी अपने जीवन में शारीरिक और भावनात्मक दर्द जैसेकि: निराशा, बीमारी, संबंधों में तनाव, असफलता, डर, भय और दुख के क्षणों से गुज़रते हैं। लेकिन अक्सर ऐसी स्थितियों में हम टीवी देखकर, शॉपिंग करके, चैटिंग करके, गेम्स खेलकर, स्मोकिंग करके या फिर अन्य दूसरी चीजों में मन लगाकर; ध्यान भटकाते हैं और समस्याओं से भागते हैं, परन्तु सच्चाई तो ये है कि, इस समय दर्द को हील करने की जरूरत है नाकि ध्यान भटकाने की। याद रखें कि, घाव ध्यान भटकाने से कम नहीं होते बल्कि ध्यान न देने पर और ही बढ़ जाते हैं।
आइए, अपनी चेकिंग करें कि, जब आपका मन अशांत होता है तो क्या आप तनाव से मुक्त होने के लिए अपने ध्यान को भटकाते हैं या फिर स्वयं से बात करके अपने मन को शांत करते हैं और अपने दर्द को कम करने की कोशिश करते हैं? या फिर ऐसे समय में, आप दूसरों पर या समय पर निर्भर हो जाते हैं ताकि आपके इमोशनल घाव स्वतः हील हो सकें। अक्सर हम सभी जब लो फील करते हैं तो अपने इस दर्द से भागने के लिए; अपना ध्यान शॉपिंग, टीवी, घूमने जाने या फिर किसी अन्य गलत आदतों में लगाते हैं। हो सकता है कि, यह सब करने से हमें दर्द महसूस न हो, लेकिन दर्द अंदर मौजूद ही रहता है और समय के साथ-साथ गहरा होता जाता है क्योंकि हमने उसे परमानेंट तौर पर हील करने का प्रयास नहीं किया। हमारे गलत विचारों की वजह से ही हमारे जीवन में तनाव, क्रोध या दुख के पल आते हैं। ऐसे में हमें खुद के साथ समय बिताना चाहिए और सही थॉट्स क्रिएट करने चाहिए जिससे हमारी हीलिंग हो सके।
इसके लिए हमें ध्यान भटकाने वाली चीजों में, लोगों या समय पर निर्भर नहीं होना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि, न ही कोई हमारे दुख का कारण होता है और न ही कोई हमें हील कर सकता है। हमारे लिए ज़रूरी है कि, हम परमात्म ज्ञान की मदद से अपनी भावनाओं का सामना करें और उन्हें हील करें। इसके लिए एफरमेशन क्रिएट करें- मैं स्वयं अपने दर्द को हील करने वाला हीलर हूँ। कोई भी ध्यान भटकाने वाली चीजें वा बातें मेरे घाव नहीं भर सकतीं, मैं प्यार और देखभाल से अपने घावों को भरने की कोशिश करता हूँ। मैं अपने दर्द का सामना करता हूं नाकि अपने मन को ध्यान भटकाने वाली चीजों में लगाकर उससे भागने की कोशिश करता हूँ।