Responsive Menu

Download App from

Download App

Follow us on

Donate Us

सुंदर पिचई की तस्वीर और ’हियान’ की मुस्कान: रतलाम से सपनों की पहली उड़ान!

Author Image
Written by
–नीलेश कटारिया

बचपन की उंगलियों ने भविष्य की ओर इशारा किया…


सवेरे की हल्की धूप खिड़की से छनकर कमरे में आ रही थी। मैं अभी भी उनींदा-सा था कि अचानक मेरे हाथों में किसी नन्हे स्पर्श की हलचल महसूस हुई—“बड़े पापा, उठो न! आज मेरा रिजल्ट है… स्कूल चलना है!”

आंखें मलीं तो सामने था मेरा 5 साल का भतीजा ’हियान’—मासूम चेहरा, आंखों में चमक और होंठों पर मुस्कान लिए। बिना रुके उसने फिर कहा—“अब मैं First Class में जाऊंगा… मैं बड़ा हो गया हूं!

उसकी आवाज़ में गर्व था, और उसके हाथों में एक अधीरता—जैसे वह आज दुनिया को जीतने निकला हो। उसने मुझे बिस्तर से खींच लिया और लगभग आदेश देते हुए बोला—“बड़े पापा जल्दी करो, स्कूल जाना है!” उस पल लगा…
यह सिर्फ एक स्कूल जाने की सुबह नहीं है—यह सपनों की पहली सीढ़ी चढ़ने का जश्न है।


श्री सत्य साईं विद्या विहार: जहां सपनों को दिशा मिलती है…

रतलाम स्थित श्री सत्य साईं विद्या विहार स्कूल में जैसे ही हम पहुंचे, ’हियान’ दोनों हाथों से अपने मम्मी-पापा को खींचते हुए पूरे जोश से दौड़ पड़ा। जैसे कोई छोटा सा कप्तान अपने जहाज को लेकर अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रहा हो।
वह सीधे अपनी कक्षा Sr. Mont-B के दरवाजे पर पहुंचा और बिना रुके अंदर चला गया।

मैं वहीं दरवाजे पर ठिठक गया… और मेरी नज़र उस दीवार पर पड़ी जिसने इस दिन को हमेशा के लिए यादगार बना दिया।

“रतलाम स्थित श्री सत्य साईं विद्या विहार स्कूल के Sr. KG सेक्शन की दीवार पर टंगी एक तस्वीर… जो सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि सपनों की शुरुआत का संकेत थी। तस्वीर में थे Google के CEO सुंदर पिचई—एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने साधारण से असाधारण की उड़ान भरी। चेन्नई की गलियों से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी तक का उनका सफर हर बच्चे के लिए एक संदेश है:

‘Follow your Dreams. Do something that excites you.’
(अपने सपनों का पीछा करो। वही करो, जो तुम्हें रोमांचित करता है।)
आज जब ’हियान’ ने First Class में प्रवेश किया, तो उसके लिए यह दीवार केवल एक फोटो फ्रेम नहीं, एक मिशन स्टेटमेंट बन गई—कि बड़ा सपना देखना कभी छोटा नहीं होता।”

’हियान’ की आंखों में था आत्म-विश्वास, न कि डर…

Sr. KG में A+ ग्रेड लाने वाले ’हियान’ के लिए यह दिन केवल एक परिणाम का दिन नहीं था—यह उसकी पहली उड़ान का दिन था। वह अपने माता-पिता को खींचते हुए स्कूल ले गया—जैसे यह बताने कि “अब यह मेरी दुनिया है, मेरे सपनों की शुरुआत यहीं से होगी!”

उसके आत्मविश्वास और चहक में एक पूरी पीढ़ी की आशा छुपी थी।


सुंदर पिचई: साधारण से असाधारण तक की उड़ान…

Google के CEO सुंदर पिचई की कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी लगती है—
लेकिन वह हकीकत है। चेन्नई के एक मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर, IIT से लेकर स्टैनफोर्ड और फिर Google का नेतृत्व…यह सब इसीलिए संभव हुआ क्योंकि उन्होंने वही किया, जो उन्हें रोमांचित करता था। “Follow your Dreams. Do something that excites you.”— यह वाक्य सिर्फ उनकी तस्वीर पर नहीं लिखा था, बल्कि हर बच्चे के दिल में जगह बना रहा था जो उस दीवार को देखता है।


स्कूल की दीवारें अगर बोल सकतीं…

तो वे कहतीं कि शिक्षा सिर्फ किताबों में नहीं—बच्चों की आंखों में पलते सपनों में होती है।
जब एक बच्चा मुस्कुराकर कहता है—”मैं बड़ा हो गया हूं,” तो वह एक परीक्षा पास नहीं करता, वह ज़िंदगी की पहली क्लास पास करता है।


हियान की मुस्कान, हर बच्चे की उम्मीद…

आज ’हियान’ First Class में पहुंच गया।
शायद कल वह भी किसी बड़ी संस्था का नेतृत्व करे।
लेकिन आज, उसकी मासूम मुस्कान, दौड़ते कदम और दीवार पर टंगी सुंदर पिचई की तस्वीर एक साथ कह रही थीं—”हर बच्चा असाधारण है, बस हमें उसकी उड़ान को पहचानना है, और उसे उड़ने देना है।”


’खुली किताब’ पर प्रकाशित यह रिपोर्ट सिर्फ एक बच्चे की नहीं, हर उस बच्चे की कहानी है—जो चुपचाप सपनों के पंख लगा रहा है।
आइए, मिलकर उनकी उड़ान को और ऊँचा करें।

 

क्या ब्लैक बॉक्स डेटा की रिपोर्ट सार्वजनिक रूप से जारी की जानी चाहिए?

Advertisement Box
Advertisement Box