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मुंबई एयरपोर्ट पर तस्करी की कोशिश नाकाम: विदेशी महिला के पेट से 32 कोकीन की गोलियाँ निकाली गईं, बाकी गोलियाँ निकालने के लिए भेजा अस्पताल!

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Written by
Amit Anand

मुंबई, 18 फरवरी। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग की एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) ने एक विदेशी महिला को गिरफ्तार किया है, जो पेट में कोकीन की 84 गोलियाँ छिपाकर मुंबई आई थी। यह महिला बीते रविवार को फ्लाइट के जरिए यूगांडा से मुंबई पहुंची थी। सूत्रों के मुताबिक कस्टम अधिकारियों ने खुफिया जानकारी के आधार पर शंकासपद स्थिति में इस महिला को रोका और सख्ती से पूछताछ के बाद हिरासत में लिया।

महिला ने खुलासा किया कि उसने इन गोलियों को अपने पेट में छिपाकर भारत में तस्करी करने की कोशिश की । जांच में 84 गोलियों में से 32 बाहर निकाली जा चुकी थीं, जबकि बाकी  गोलियों की बरामदगी के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया। कस्टम अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी को सफलता के रूप में देखा है, क्योंकि इस विदेशी महिला का अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट में हिस्सा होना स्पष्ट हो गया था।

मेडिकल जांच के लिए महिला को जे.जे. अस्पताल भेजा

महिला को गिरफ्तार करने के बाद कस्टम विभाग ने उसे जे.जे. अस्पताल भेजा है, ताकि उसकी मेडिकल जांच के साथ पेट में फंसी बाकी गोलियाँ सुरक्षित रूप से बाहर निकाली जा सकें। इस दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने उसकी हालत पर भी निगरानी रखी हुई है, जिससे कि उसकी जान को कोई खतरा न हो।

संदिग्ध गिरोह की तलाश

इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि तस्करों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली विधियाँ लगातार विकसित हो रही हैं। कस्टम विभाग सहित संबंधित एजेंसियां उस गिरोह की तलाश में जुट गई है, जो इस महिला के जरिए ड्रग्स की तस्करी के साथ डिलीवर करने वाला था।

एक बार फिर साबित हुई सतर्कता की अहमियत

यह घटना कस्टम विभाग और पुलिस की तत्परता का उदाहरण है, जिन्होंने न केवल तस्करी की कोशिश को नाकाम किया, बल्कि यह भी साबित किया कि अपराधियों के खिलाफ सख्त निगरानी और तत्परता से ही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। कस्टम विभाग की इस कार्रवाई से यह संदेश भी जाता है कि तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से ही हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित रख सकते है।
क्या अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के लिए भारत को विमान हादसों की जांच में बाहरी निगरानी एजेंसियों को शामिल करना चाहिए?

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