वर्ल्ड नंबर-1 रह चुके भारतीय बैडमिंटन स्टार किंदाबी श्रीकांत ने इस दौर को काफी निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के कारण उन्हें जो जबरदस्ती का आराम मिला है, इससे वे खुश नहीं हैं। दरअसल, कोरोना के कारण दुनियाभर में जुलाई तक के सभी खेल टूर्नामेंट को रद्द या टाल दिया गया है। सबसे बड़े खेल इवेंट टोक्यो ओलिंपिक भी एक साल टल गया है। भारत में कोरोना के कारण 14 अप्रैल तक लॉकडाउन लगा है। इसकी अवधि बढ़ने की पूरी संभावना है।
श्रीकांत ने पिछली बार मार्च में ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में खेले थे। उन्हें इस चैम्पियनशिप के पहले ही राउंड में चीन के चेन लोंग के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। श्रीकांत ने एक अंग्रेजी अखबार के लिए लिखे में कहा, ‘‘मैं इस जबरदस्ती के आराम से बिल्कुल भी खुश नहीं हूं। हम खिलाड़ी के तौर पर लगातार हो रहे टूर्नामेंट के तनाव से बचने के लिए आराम लेते हैं। इस दौरान ट्रेनिंग भी करते हैं और फिर टूर्नामेंट खेलना होता है।’’
‘जैसा आप चाहते हैं, यह वैसा आराम नहीं’
किंदाबी अब तक टोक्यो ओलिंपिक का कोटा हासिल नहीं कर सके हैं। शटलर ने कहा, ‘‘मैं कह रहा हूं कि यह वह आराम नहीं है, जैसा आप चाहते हैं। आप उस स्थित में कभी नहीं होना चाहेंगे, जहां आप ट्रेनिंग भी नहीं कर सकते। यह दौर बहुत ही निराशाजनक है। न तो आप कहीं बाहर जा सकते हैं और न ही आपके पास ट्रेनिंग या मजेदार करने के लिए कुछ है। हमारे पास समय काफी ज्यादा है, लेकिन करने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं 12 से 14 घंटे सोकर ही दिन निकाल रहा हूं। कुछ करने के लिए बहुत कम समय होता है।’